क्या है डाटा बेस ? कुछ नहीं एक डाटा के बेस ( आधार ) के अलावा । पुराने ज़माने में जिन संग्रच्नाओ पर कुछ आंकड़े दर्ज किये जाते थे वही व्यवस्था , प्लान डाटाबेस कही जाती है । साधारण भाषा में तालिका जिसमे क्षितिज और उर्ध्व रेखाएं खींच कर बनाया गया आधार , जिसमे आंकडे भरते है । aab कंप्यूटर में इस व्यवस्था का बड़ा ही महत्व है इसके आधार पर बड़े बड़े जटिलताओं को सुल्ज्हा लिया जाता है । हम अगर हिन्दुस्तानी भाषाओँ का आधार संस्कृत की बात करे तो व्याकरण की व्यवस्था इसी पर आधारित है । मेरा मतलब शब्द रूप ,धातु रूप की व्यवस्था से है जो कंप्यूटर की भाषा में डाटाबेस कहलाता है , और उनका अनुप्रयोग एस क्यू यल कहलाता है , यानि की हम जो बोलते है वोह एस क्यू एल है और अक्षर और उनका संगठन मास्टर डाटाबेस है ।
दुनिया की भलाई के लिए आवश्यक है कि वोह इस संस्कृत पर ध्यान दे । - पंडित उमा पति
Tuesday, September 28, 2010
Monday, September 20, 2010
संचार तंत्र की कमी
दुनिया में कुछ देश जहाँ संचार तंत्र की कमी है बहुत ही कम विकास हुआ है , तुलना हम उन देशो से करे जहाँ यह सब ज्यादा है , सस्ता है या आसानी से उपलभ्द है तो उनका विकास तेजी से हुआ है , भारत जैसे विकास शील देश ने इस पर ध्यान दे कर काफी समज्ह्दारी की है , यह देखेते हुए दुनिया में विकासशील देशो को सीख लेनी चाहिए , -उनकी भलाई के लिए जारी - पंडित उमापति
Friday, August 27, 2010
सरदारों (पजाबी) की कमी वाली दुनिया
अरे भाई हमने तो सुना है की सरदार और आलू दुनिया में हर जगह मिलते है, एक आश्चर्य यह है की अफ्रीका का एक देश जिसे कांगो गणतंत्र कहते है , में सरदारों की संख्या नहीं के बराबर देखने में आती है , समाज की भलाई के लिए क्या भाई सरदार लोग ! इधर क्यों नहीं आये बल्ले बल्ले ..
Friday, August 20, 2010
भारत की अर्थव्यवस्था
अंधाधुंध कोम्पुतारिकरण देश के लिए नुकसानदायक है , भलाई के लिए आवश्यक है की हम किसी व्य्स्वस्था का
कोम्पुतारिकरण करने से पहले उसका फ़ासिबिलिटी परिक्षण कर लें वरना बिजली की कमी और लोगों की अधिकता वाले देश अर्थव्यवस्था दिन परदिन बिगडती जाएगी , कई जगहों हमने पाया की कुल कंप्यूटर और उनका खर्चा समतुल्य मानव से अधिक है और खास तौर पर भारत जैसे बेरोजगारी भरे देश में , अधिक से अधिक लोगों का योगदान बजाय कंप्यूटर ke behtar hoga .- "pandit uma pati"
कोम्पुतारिकरण करने से पहले उसका फ़ासिबिलिटी परिक्षण कर लें वरना बिजली की कमी और लोगों की अधिकता वाले देश अर्थव्यवस्था दिन परदिन बिगडती जाएगी , कई जगहों हमने पाया की कुल कंप्यूटर और उनका खर्चा समतुल्य मानव से अधिक है और खास तौर पर भारत जैसे बेरोजगारी भरे देश में , अधिक से अधिक लोगों का योगदान बजाय कंप्यूटर ke behtar hoga .- "pandit uma pati"
Monday, August 9, 2010
Friday, July 30, 2010
Friday, July 2, 2010
Subscribe to:
Posts (Atom)